|| जय सिया राम ||
|| जामवंत ||
नेशनल हाईवे-12 भोपाल-जबलपुर मार्ग पर रायसेन जिले के कस्बा बरेली से लगभग 15 किमी दूर स्थित ग्राम जामगढ़ के पास विंध्यांचल पर्वत श्रृंखला की एक पहाड़ी में बनी गुफा महाभारत काल के कई प्रमाणों को समेटे है।
कहा जाता है कि इस गुफा में भगवान श्रीकृष्ण और जामवंत के बीच लगातार 27 दिन तक युद्ध हुआ था। अपने ऊपर स्यमंतक मणि की चोरी का कलंक मिटाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने इसी गुफा में जामवंत से युद्ध किया था। धार्मिक ग्रंथ प्रेमसागर में इसका उल्लेख है। रीछराज जामवंत की गुफा में स्यमंतक मणि की चोरी का कलंक अपने सिर से मिटाने के लिए श्रीकृष्ण ने 27 दिनों तक युद्ध किया था।
गुफा के इतिहास को कुरेदने और किंवदंतियों की सचाई को जानने कई पुरातत्वविदों ने यहां और अध्ययन किया। फिलहाल देखरेख के अभाव में जामवंत की गुफा संकरी हो चुकी है। इस गुफा के आगे कई और छोटी गुफाएं हैं। इन गुफाओं की श्रृंखला प्राकृतिक शिव गुफा पर समाप्त होती है।
भागवत महापुराण में भी उल्लेख है कि 27 दिनों के युद्ध के बाद जामवंत ने अपनी पुत्री जामवंती का विवाह श्रीकृष्ण के साथ कर दिया और स्यमंतक मणि उपहार में कृष्ण को दे दी। परशुराम और हनुमान के अलावा जामवंत भी ऐसे ही दिव्य पुरुष थे, जिन्होंने राम और कृष्ण, विष्णु के दोनों ही अवतारों के काल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। समुद्र मंथन से लेकर कूर्म अवतार, वामन अवतार के समय भी जामवंत मौजूद थे। इसी वजह से जामवंत को सभी युगों में जीवित रहने वाले चिरंजीवियों में गिना जाता है।
Jai jambanji.
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